
At the place where the Goddess’s fingers once fell, today stands a huge temple with a crown that is 108 feet tall. This temple, located on the banks of the Yamuna River in the Mirpur locality at the centre of Prayagraj city, was established on the Shri Yantra design.





Temple Architecture & History


मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था और इसे एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक धरोहर के रूप में देखा जाता है।
मंदिर का मुख्य शिखर उत्तम शिल्पकला से बना हुआ है, जो अद्वितीय नक्काशी और हिंदू स्थापत्य शैली को दर्शाता है।
गर्भगृह में माँ ललिता देवी की दिव्य प्रतिमा विराजमान है, जिसे अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा जाता है।
यहाँ हर साल नवरात्रि के दौरान विशेष अनुष्ठान और पूजा का आयोजन किया जाता है।
यह मंदिर देवी सती की पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। कथा के अनुसार, जब भगवान शिव माता सती के जले हुए शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उनके शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया। इनमें से एक भाग, यानी दाहिना हाथ, प्रयागराज में गिरा, और यहाँ माँ ललिता देवी का मंदिर स्थापित किया गया। यह मंदिर शक्ति और आस्था का प्रतीक है और भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
Temple Timings

