ॐ साईं राम

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laxmi ji Sahasranama with meaning

laxmi ji Sahasranama (सहस्रनाम)

प्रकृति

1

ॐ प्रकृत्यै नमः।

Om Prakrityai Namah।

जो स्वयं प्रकृति स्वरूपा हैं

विकृति

2

ॐ विकृत्यै नमः।

Om Vikrityai Namah।

जिन्हें हम विभिन्न नामों या रूपों से जानते हैं

विद्या

3

ॐ विद्यायै नमः।

Om Vidyayai Namah।

जो समस्त प्रकार की विद्याओं में विद्यमान हैं

सर्वभूतहितप्रदा

4

ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः।

Om Sarvabhutahitapradayai Namah।

जो संसार के समस्त सुखों को प्रदान करती हैं

श्रद्धा

5

ॐ श्रद्धायै नमः।

Om Shraddhayai Namah।

जिन्हें केवल सच्ची श्रद्धा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है

विभूति

6

ॐ विभूत्यै नमः।

Om Vibhutyai Namah।

जो अपने भक्तों को धन-सम्पदा प्रदान करती हैं

सुरभि

7

ॐ सुरभ्यै नमः।

Om Surabhyai Namah।

जो सर्वोच्च देवी हैं और त्रिमूर्ति भी जिनकी आराधना करते हैं

परमात्मिका

8

ॐ परमात्मिकायै नमः।

Om Paramatmikayai Namah।

जो तीनों लोकों की आराध्य देवी हैं

वाक्

9

ॐ वाचे नमः।

Om Vache Namah।

जिनकी वाणी अमृत तुल्य है

पद्मालया

10

ॐ पद्मालयायै नमः।

Om Padmalayayai Namah।

जो कमल पुष्प के आसन पर विराजमान हैं

पद्मा

11

ॐ पद्मायै नमः।

Om Padmayai Namah।

जो कमल वर्ण वाली हैं

शुचि

12

ॐ शुचये नमः।

Om Shuchaye Namah।

जो स्वयं पवित्र हैं

स्वाहा

13

ॐ स्वाहायै नमः।

Om Svahayai Namah।

जो स्वयं आहुतिस्वरूपा हैं

स्वधा

14

ॐ स्वधायै नमः।

Om Svadhayai Namah।

जो स्वधा देवी के रूप में स्थित हैं

सुधा

15

ॐ सुधायै नमः।

Om Sudhayai Namah।

जो स्वयं अमृत के रूप में विद्यमान हैं

धन्या

16

ॐ धन्यायै नमः।

Om Dhanyayai Namah।

जो कृतज्ञता का मूर्त रूप हैं

हिरण्मयी

17

ॐ हिरण्मय्यै नमः।

Om Hiranmayyai Namah।

जिनकी आभा स्वर्ण के समान तेजपूर्ण है

लक्ष्मी

18

ॐ लक्ष्म्यै नमः।

Om Lakshmyai Namah।

जो धन-ऐश्वर्य प्रदान करती हैं

नित्यपुष्टा

19

ॐ नित्यपुष्टायै नमः।

Om Nityapushtayai Namah।

जो निरन्तर पुष्ट (शक्तिशाली) होती रहती हैं

विभावरी

20

ॐ विभावर्यै नमः।

Om Vibhavaryai Namah।

जो अत्यन्त सुन्दर हैं एवं अनन्त तेज को धारण करने वाली हैं

अदिति

21

ॐ अदित्यै नमः।

Om Adityai Namah।

जिनकी कान्ति सूर्य के समान है

दिति

22

ॐ दित्यै नमः।

Om Dityai Namah।

जो भक्तों की प्रार्थना का उत्तर हैं

दीपा

23

ॐ दीपायै नमः।

Om Dipayai Namah।

जिनका तेज सहस्र सूर्यों के समान है

वसुधा

24

ॐ वसुधायै नमः।

Om Vasudhayai Namah।

जो भूमिदेवी के रूप में भक्तों का कल्याण करती हैं

वसुधारिणी

25

ॐ वसुधारिण्यै नमः।

Om Vasudharinyai Namah।

जो सम्पूर्ण पृथ्वी का भार धारण करती हैं

कमला

26

ॐ कमलायै नमः।

Om Kamalayai Namah।

जो कमला पुष्प से प्रकट होने वाली देवी हैं

कान्ता

27

ॐ कान्तायै नमः।

Om Kantayai Namah।

जो भगवान श्री विष्णु की अर्धांगिनी हैं

कामाक्षी

28

ॐ कामाक्ष्यै नमः।

Om Kamakshyai Namah।

जिनके नेत्र अत्यधिक आकर्षक एवं दिव्य हैं

क्षीरोधसम्भवा

29

ॐ क्षीरोधसम्भवायै नमः।

Om Kshirodhasambhavayai Namah।

जो भगवान विष्णु के साथ क्षीरसागर में निवास करती हैं

अनुग्रहप्रदा

30

ॐ अनुग्रहप्रदायै नमः।

Om Anugrahapradayai Namah।

जो नाना प्रकार के सुख प्रदान करती हैं

बुद्धि

31

ॐ बुद्धये नमः।

Om Buddhaye Namah।

जो स्वयं बुद्धिस्वरूपा हैं

अनघा

32

ॐ अनघायै नमः।

Om Anaghayai Namah।

जो निष्पाप हैं

हरिवल्लभा

33

ॐ हरिवल्लभायै नमः।

Om Harivallabhayai Namah।

जो भगवान श्री हरि की धर्मपत्नी हैं

अशोका

34

ॐ अशोकायै नमः।

Om Ashokayai Namah।

जो दुःख का नाश करती हैं

अमृता

35

ॐ अमृतायै नमः।

Om Amritayai Namah।

जो अमृत का मूल तत्त्व हैं एवं जो सागरमन्थन से अमृत के साथ प्रकट हुई थीं

दीप्ता

36

ॐ दीप्तायै नमः।

Om Diptayai Namah।

जो सदैव दीप्तिमान रहती हैं

लोकशोकविनाशिनी

37

ॐ लोकशोकविनाशिन्यै नमः।

Om Lokashokavinashinyai Namah।

जो समस्त सृष्टि की पीड़ा का शमन करती हैं

धर्मनिलया

38

ॐ धर्मनिलयायै नमः।

Om Dharmanilayayai Namah।

जो धर्म की स्थापना करने वाली हैं

करुणा

39

ॐ करुणायै नमः।

Om Karunayai Namah।

जो दया एवं करुणा का सागर हैं

लोकमाता

40

ॐ लोकमात्रे नमः।

Om Lokamatre Namah।

जो सम्पूर्ण जगत की माता हैं

पद्मप्रिया

41

ॐ पद्मप्रियायै नमः।

Om Padmapriyayai Namah।

जिन्हें कमल पुष्प अति प्रिय हैं

पद्महस्ता

42

ॐ पद्महस्तायै नमः।

Om Padmahastayai Namah।

जिनके हाथ कमल पुष्प के समान हैं

पद्माक्षी

43

ॐ पद्माक्ष्यै नमः।

Om Padmakshyai Namah।

जिनके नेत्र कमल के समान हैं

पद्मसुन्दरी

44

ॐ पद्मसुन्दर्यै नमः।

Om Padmasundaryai Namah।

जो कमल पुष्प की भाँति सुन्दर हैं

पद्मोद्भवा

45

ॐ पद्मोद्भवायै नमः।

Om Padmodbhavayai Namah।

जो कमल पुष्प से प्रकट होती हैं

पद्ममुखी

46

ॐ पद्ममुख्यै नमः।

Om Padmamukhyai Namah।

जिनका मुख कमल के समान है

पद्मनाभप्रिया

47

ॐ पद्मनाभप्रियायै नमः।

Om Padmanabhapriyayai Namah।

जो पद्मनाभ (भगवान विष्णु) की प्रियतमा हैं

रमा

48

ॐ रमायै नमः।

Om Ramayai Namah।

जो भगवान विष्णु को प्रसन्न रखती हैं

पद्ममालाधरा

49

ॐ पद्ममालाधरायै नमः।

Om Padmamaladharayai Namah।

जो कमल पुष्पों की माला धारण करती हैं

देवी

50

ॐ देव्यै नमः।

Om Devyai Namah।

जो सर्वशक्तिशाली हैं

पद्मिनी

51

ॐ पद्मिन्यै नमः।

Om Padminyai Namah।

जो क्षीरसागर में कमल पुष्प से प्रकट होने वाली देवी हैं

पद्मगन्धिनी

52

ॐ पद्मगन्धिन्यै नमः।

Om Padmagandhinyai Namah।

जिनकी कमल पुष्प के समान सुगन्ध है

पुण्यगन्धा

53

ॐ पुण्यगन्धायै नमः।

Om Punyagandhayai Namah।

जो दैवीय सुगन्ध वाली हैं

सुप्रसन्ना

54

ॐ सुप्रसन्नायै नमः।

Om Suprasannayai Namah।

जो सदैव प्रसन्न एवं आनन्दित रहने वाली हैं

प्रसादाभिमुखी

55

ॐ प्रसादाभिमुख्यै नमः।

Om Prasadabhimukhyai Namah।

जो सदैव भक्तों को वर प्रदान करने हेतु तत्पर हैं

प्रभा

56

ॐ प्रभायै नमः।

Om Prabhayai Namah।

जिनकी कान्ति सहस्रों देदीप्यमान सूर्यों के समान है

चन्द्रवदना

57

ॐ चन्द्रवदनायै नमः।

Om Chandravadanayai Namah।

जिनका मुखमण्डल चन्द्रमा के समान है

चन्द्रा

58

ॐ चन्द्रायै नमः।

Om Chandrayai Namah।

जो चन्द्र की भाँति शान्त एवं शीतल हैं

चन्द्रसहोदरी

59

ॐ चन्द्रसहोदर्यै नमः।

Om Chandrasahodaryai Namah।

जो चन्द्रमा की बहन हैं

चतुर्भुजा

60

ॐ चतुर्भुजायै नमः।

Om Chaturbhujayai Namah।

जो चार भुजाओं वाली हैं

चन्द्ररूपा

61

ॐ चन्द्ररूपायै नमः।

Om Chandrarupayai Namah।

जिनका चन्द्र के समान रूप है

इन्दिरा

62

ॐ इन्दिरायै नमः।

Om Indirayai Namah।

जो क्षीरसागर में सूर्य के समान देदीप्यमान हैं

इन्दुशीतला

63

ॐ इन्दुशीतलायै नमः।

Om Indushitalayai Namah।

जिनका स्वभाव चन्द्रमा के समान शान्त एवं शीतल है

आह्लादजननी

64

ॐ आह्लादजनन्यै नमः।

Om Ahladajananyai Namah।

जो समस्त सृष्टि को आह्लादित करने वाली हैं

पुष्टि

65

ॐ पुष्ट्यै नमः।

Om Pushtyai Namah।

जो भक्तों को स्वास्थ्य (आरोग्य) प्रदानकर पुष्ट रखती हैं

शिवा

66

ॐ शिवायै नमः।

Om Shivayai Namah।

जो अत्यधिक शुभ हैं

शिवकरी

67

ॐ शिवकर्यै नमः।

Om Shivakaryai Namah।

जो सबका मंगल करती हैं

सत्या

68

ॐ सत्यायै नमः।

Om Satyayai Namah।

जो परम सत्य हैं

विमला

69

ॐ विमलायै नमः।

Om Vimalayai Namah।

जो अत्यन्त शुद्ध हैं

विश्वजननी

70

ॐ विश्वजनन्यै नमः।

Om Vishvajananyai Namah।

जो सम्पूर्ण चराचर जगत की माता हैं

तुष्टि

71

ॐ तुष्ट्यै नमः।

Om Tushtyai Namah।

जो सांख्य दर्शन में कथित नौ तुष्टियों (चार आध्यात्मिक और पाँच बाह्य) की स्वामिनी हैं

दारिद्र्यनाशिनी

72

ॐ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः।

Om Daridryanashinyai Namah।

जो दरिद्रता को नष्ट करने वाली हैं

प्रीतिपुष्करिणी

73

ॐ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः।

Om Pritipushkarinyai Namah।

जिनके नेत्र सुख प्रदान करने वाले हैं

शान्ता

74

ॐ शान्तायै नमः।

Om Shantayai Namah।

जो श्रुतिस्वरूपा हैं

शुक्लमाल्याम्बरा

75

ॐ शुक्लमाल्याम्बरायै नमः।

Om Shuklamalyambarayai Namah।

जो श्वेत पुष्पों की माला एवं श्वेत वस्त्र धारण करने वाली हैं

श्री

76

ॐ श्रियै नमः।

Om Shriyai Namah।

जो श्री (लक्ष्मी) एवं सौभाग्य प्रदान करती हैं

भास्करी

77

ॐ भास्कर्यै नमः।

Om Bhaskaryai Namah।

जो तीनों लोकों को प्रकाशित करने वाली हैं

बिल्वनिलया

78

ॐ बिल्वनिलयायै नमः।

Om Bilvanilayayai Namah।

जो बिल्ववृक्ष में निवास करती हैं

वरारोहा

79

ॐ वरारोहायै नमः।

Om Vararohayai Namah।

जो भक्तों को इच्छित वर प्रदान करने हेतु सदैव तत्पर हैं

यशस्विनी

80

ॐ यशस्विन्यै नमः।

Om Yashasvinyai Namah।

जो सम्पूर्ण सृष्टि में सम्मानीय एवं पूजनीय हैं

वसुन्धरा

81

ॐ वसुन्धरायै नमः।

Om Vasundharayai Namah।

जो पृथ्वी की पुत्री हैं

उदाराङ्गा

82

ॐ उदाराङ्गायै नमः।

Om Udarangayai Namah।

जो सुन्दर अंगों वाली हैं

हरिणी

83

ॐ हरिण्यै नमः।

Om Harinyai Namah।

जो हिरण के समान सुन्दर एवं सौम्य हैं

हेममालिनी

84

ॐ हेममालिन्यै नमः।

Om Hemamalinyai Namah।

जो स्वर्ण का हार धारण करती हैं

धनधान्यकरी

85

ॐ धनधान्यकर्यै नमः।

Om Dhanadhanyakaryai Namah।

जो धन-धान्य प्रदान करती हैं

सिद्धि

86

ॐ सिद्धये नमः।

Om Siddhaye Namah।

जो नाना प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं

स्त्रैणसौम्या

87

ॐ स्त्रैणसौम्यायै नमः।

Om Strainasaumyayai Namah।

जो मृदुस्वभाव वाली देवी हैं

शुभप्रदा

88

ॐ शुभप्रदायै नमः।

Om Shubhapradayai Namah।

जो शुभफल प्रदान करती हैं

नृपवेश्मगतानन्दा

89

ॐ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः।

Om Nripaveshmagatanandayai Namah।

जिन्हें राजसी महल में निवास करना प्रिय है

वरलक्ष्मी

90

ॐ वरलक्ष्म्यै नमः।

Om Varalakshmyai Namah।

जो सुख-सुविधा प्रदान करती हैं

वसुप्रदा

91

ॐ वसुप्रदायै नमः।

Om Vasupradayai Namah।

जो धन-सम्पदा प्रदान करती हैं

शुभा

92

ॐ शुभायै नमः।

Om Shubhayai Namah।

जो सफलता एवं सम्पन्नता प्रदान करती हैं

हिरण्यप्राकारा

93

ॐ हिरण्यप्राकारायै नमः।

Om Hiranyaprakarayai Namah।

जो स्वर्ण में निवास करती हैं

समुद्रतनया

94

ॐ समुद्रतनयायै नमः।

Om Samudratanayayai Namah।

जो क्षीरसागर की प्रिय पुत्री हैं

जया

95

ॐ जयायै नमः।

Om Jayayai Namah।

जो विजय की देवी हैं

मङ्गलादेवी

96

ॐ मङ्गलादेव्यै नमः।

Om Mangaladevyai Namah।

जो अत्यन्त शुभ हैं

विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता

97

ॐ विष्णुवक्षस्स्थलस्थितायै नमः।

Om Vishnuvakshassthalasthitayai Namah।

जो भगवान श्री हरि विष्णु के हृदय में निवास करती हैं

विष्णुपत्नी

98

ॐ विष्णुपत्न्यै नमः।

Om Vishnupatnyai Namah।

जो भगवान विष्णु की धर्मपत्नी हैं

प्रसन्नाक्षी

99

ॐ प्रसन्नाक्ष्यै नमः।

Om Prasannakshyai Namah।

जिनकी दृष्टि प्रसन्नता से परिपूर्ण है

नारायणसमाश्रिता

100

ॐ नारायणसमाश्रितायै नमः।

Om Narayanasamashritayai Namah।

भगवान नारायण जिनके आश्रय हैं

दारिद्र्यध्वंसिनी

101

ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः।

Om Daridryadhvamsinyai Namah।

जो दुख-दारिद्र्य को नष्ट कर देती हैं

देवी

102

ॐ देव्यै नमः।

Om Devyai Namah।

जो सर्वशक्तिशाली हैं

सर्वोपद्रववारिणी

103

ॐ सर्वोपद्रववारिण्यै नमः।

Om Sarvopadravavarinyai Namah।

जो समस्त प्रकार के उपद्रवों को शान्त करती हैं

नवदुर्गा

104

ॐ नवदुर्गायै नमः।

Om Navadurgayai Namah।

जो नवदुर्गा के नौ रूपों में स्थित हैं

महाकाली

105

ॐ महाकाल्यै नमः।

Om Mahakalyai Namah।

जो स्वयं महाकाली-स्वरूपा हैं

ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका

106

ॐ ब्रह्माविष्णुशिवात्मिकायै नमः।

Om Brahmavishnushivatmikayai Namah।

जो त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) की प्रिय हैं

त्रिकालज्ञानसम्पन्ना

107

ॐ त्रिकालज्ञानसम्पन्नायै नमः।

Om Trikalajnanasampannayai Namah।

जिन्हें तीनों कालों (भूत, भविष्य, वर्तमान) का ज्ञान है

भुवनेश्वरी

108

ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।

Om Bhuvaneshvaryai Namah।

जो 14 भुवनों की स्वामिनी हैं

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